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अशोकनगर कलेक्ट्रेट में बच्चे को लेकर पहुंचे परिजन |
इसकी एक कहावत भी है की:- शिक्षा के बगैर मनुष्य एक पशु सम्मान है।
शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षक और शिक्षिका को गुरु के समान माना गया है। जो हर एक विद्यार्थी का मार्गदर्शन करते हैं। गुरु ही विद्यार्थियों को समझते हैं और उन्हें सही राह दिखाते हैं। यदि गुरु ही विद्यार्थी को ना समझे और छोटी गलती पर बेरहमी से पीटे तो यह सारी बातें धरी की धरी रह जाती हैं।
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मासूम बच्चे के शरीर पर बने निशान |
कलेक्टर ने इस मामले की समस्या को ध्यानपूर्वक सुना जिसके बाद मेडिकल जांच कराने की बात हुई। तो वही कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि संबंधित शिक्षक के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही कर टीसी निकलवाई जाएं तथा शासकीय स्कूल में दाखिला दिलाया जाए।