दूध की शुद्धता पर (FSSAI) यानि Food Safety and Standards Authority of India ने एक Survey Report जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार 41% Processed और कच्चा दूध quality के मापदंड़ के हिसाब से सुरक्षित नहीं है। मई 2019 से अक्टूबर 2019 तक चले इस सर्वे में दूध के कुल 6,432 सैंपल लिए गए थे. दूध की गुणवत्ता की जांच के लिए देशभर के 1103 शहरों से दूध के सैंपल लिए गए थे जिसमें Safety standard के लिए दूध की जांच की गई। ये सर्वे दूध के Safety standards दूध में fat की मात्रा, SNF यानि सोलिडस नॉट फैट, Maltodextrin और Sugar की मात्रा जांचने के पैमाने पर किया गया है।
सर्वे में जांचे गए कुल 6432 सैंपल में से 368 सैंपल में अफलटॉक्सिन एम-1 पाया गया है.
अफलटॉक्सिन एम-1 दूध में Fodder और Feed के जरिये जाता है. 12 मिलावटी सैंपल में से छह में हाइड्रोजन पेरोक्साइड, तीन में डिटर्जेंट, दो में यूरिया और एक सैंपल में न्यूट्रालिजर पाया गया 156 में maltodextrin और 78 में शुगर पाया गया. जबकि सबसे ज्यादा मिलावटी दूध पाए जाने वाले राज्यों में तेंलगाना, Madhya Pradesh और Kerala शामिल है।
अफलटॉक्सिन एम-1 तमिलनाडु में सबसे ज्यादा कुल जांचे गए 551 में से 88 सैंपल में पाया गया. वहीं दिल्ली में जांचे गए कुल 262 सैंपल में से 38 सैंपल और केरल में 187 में से 37 सैंपल में… मध्य प्रदेश के कुल 335 सैंपल में से 23 सैंपल में साथ ही महाराष्ट्र में 678 में से 9 Samples में, यूपी में 729 सैंपल में से 8 samples में अफलटॉक्सिन एम-1 मिला. ये दवाइयां मवेशियों को इतनी मात्रा में दी जाती है कि वो दूध तक पहुंच जाती है। आश्चर्य़ की बात ये है कि Branded दूध में खुले बिकने वाले दूध से ज्यादा मिलावट पाई गई है।
![]() |
दवाइयों के इस्तेमाल से देश में 41% दूध की क्वालिटी नहीं है ठीक: FSSAI
|
सर्वे में जांचे गए कुल 6432 सैंपल में से 368 सैंपल में अफलटॉक्सिन एम-1 पाया गया है.
Tags
Daily Share