वर्ल्ड फोटोग्राफी डे: ऑरिजिन, हिस्ट्री एंड इंपोर्टेस
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Louis Jacques Mande Daguerre, French photography pioneer, |
फ्रांसीसी आर्टिस्ट और फोटोग्राफर लुई जैक्स मैंडे डागेरे, जिन्होंने 1837 में पहली प्रेक्टिकल फोटोग्राफी प्रक्रिया का आविष्कार किया था, उन्हें शायद ही पता होगा कि वह "मदर्स ऑफ फोटोग्राफी" में से एक कहलाएंगे। उनके आविष्कार को फोटोग्राफी की Daguerreotype प्रक्रिया कहा जाता है, जो उस वक्त की Polaroid थी। ये एक यूनिक इमेज बनाती थी, जिसे केवल मूल फोटो खींचकर दोहराया जा सकता था।
19 अगस्त, 1839 को, फ्रांस ने Daguerreotype का पेटेंट खरीदा और इसे दुनिया के लिए फ्री जारी कर दिया। इसके साथ ही "वर्ल्ड फोटोग्राफी डे" की शुरुआत हुई। एक तस्वीर के लिए एक फोटो की प्रोसेसिंग में लगने वाले 8 घंटे से मोबाइल के जरिये इंस्टेंट फोटोज तक, फोटोग्राफी ने एक लंबा सफर तय किया है। यहां फोटोग्राफी के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य हैं, जो आप जरूर जानना चाहेंगे।
जहां Daguerreotype पहली प्रैक्टिकल फोटोग्राफी प्रोसेस थी, तो वहीं जोसेफ निकेफ नीप द्वारा 1826 में स्थायी तस्वीरों के लिए विकसित की गई Heliography एक ज्यादा जटिल प्रक्रिया थी।
एक वक्त था जब एक फोटो के लिए मिनिमम एक्सपोजर टाइम लगभग आठ घंटे लगता था। कोई आश्चर्य नहीं कि फोटोग्राफी न होती तो आपकी मुस्कुराहट को लंबे समय तक बनाए रखना मुश्किल होता।
1878 में दुनिया का पहला मूवमेंट फोटो "द हॉर्स इन मोशन" अंग्रेजी फोटोग्राफर इडरविंद मायब्रिज द्वारा बनाया गया था और इसने मोशन पिक्चर्स के लिए पहला मंच तैयार किया। अपनी तस्वीरों के माध्यम से इडरविंद इस बात की जांच कर रहे थे कि क्या दौड़ते वक्त घोड़े के सभी चार खुर एक साथ जमीन पर जाते हैं या अलग-अलग।
मुंबई के एक फोटोग्राफर दिलीप पारेख जो पेशे से ज्वैलर थे, उन्होंने "वर्ल्ड्स लार्जेस्ट कैमरा कलेक्शन" के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बनाई। इससे पहले दिलीश ने 2,634 विंटेज और एंटीक कैमरों के मालिक होने का रिकॉर्ड बनाया था, जिसे बाद में खुद उन्होंने 4,425 से अधिक कैमरों का संग्रह कर तोड़ दिया।
कोडक, सबसे पुरानी कंपनियों में से एक है जो कैमरे से संबंधित प्रोडक्ट्स का उत्पादन करती है, जिसे 1890 के दशक में जॉर्ज ईस्टमैन द्वारा स्थापित किया गया था। ईस्टमैन ने अपनी कंपनी को रेडमी कोडेक कहना शुरू किया। उनके अनुसार यह शब्द, मौजूदा शब्दों से यूनिक था और इसका प्रोनन्सेशन करना मुश्किल है।
पहला सेल्फ- कंटेन्ड डिजिटल कैमरा स्टेशन सेंसर द्वारा उस वक्त इन्वेंट किया गया था, जब उन्होंने 1975 में ईस्टमैन कोडक में काम किया। यह पहला कैमरा नहीं था जो डिजिटल इमेज प्रोड्यूस करता था, बल्कि पहला हैंड हेल्ड डिजिटल कैमरा था। 3.5 किलोग्राम वजनी, 100 x 100 रिज़ॉल्यूशन (0.01 मेगापिक्सेल) वाला ये कैमरा फोटो को प्रोसेस करने में 23 सेकंड का वक्त लगाता था, जो ब्लैक एंड व्हाइट फोटो होते थे।
चंद्रमा की पहली तस्वीर 1851 में ली गई थी, जबकि इसके डार्क साइड की पहली तस्वीर 1959 में ली गई। नासा के अपोलो 11 चंद्रमा मिशनों पर फोटो खींचने के लिए इस्तेमाल की गई फिल्म कोडक द्वारा निर्मित की गई थी।
Victor Hasselblad AB मीडियम फॉर्मेट के कैमरों की स्वीडिश कंपनी है और दो चीजों के लिए जानी जाती है। पहला क्लासिक मीडियम फॉर्मेट कैमरा, जिसके वे वर्ल्ड वॉर-2 के वक्त से हर साल 10 हजार मॉडल बना रहे हैं, वो भी केवल एक छोटी तिमंजिला इमारत से। दूसरी चीज जिसके लिए उन्हें जाना जाता है, वो है Hasselblad कैमरा, जिसका उपयोग नासा के अपोलो कार्यक्रम मिशनों के हिस्से के रूप में चंद्रमा पर पहली मानव लैंडिंग के दौरान किया गया था। इस वक्त चंद्रमा की सतह पर 12 Hasselblad कैमरे हैं।
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