भारत और रूस ने एडवांस्ड AK-47 203 राइफल की डील फाइनल कर ली है।
इससे भारतीय सेना की ताकत में इजाफा होगा। पुराने मॉडल की राइफलों के मुकाबले इन राइफलों का उपयोग हिमालय जैसे ऊंचे इलाकों में आसानी से किया जा सकेगा। रूसी मीडिया के मुताबिक, भारतीय सेना को 7.7 लाख राइफलों की जरूरत है, जिनमें से वो एक लाख आयात करेगी और बाकी का उत्पादन भारत में ही किया जाएगा।
रूस से ली जा रही AK-47 203 राइफल की खासियत
✵1100 डॉलर हो सकती है इसकी कीमत
✵7.62 एमएम की गोलियों का इस्तेमाल
✵400 मीटर है इसकी मारक क्षमता
✵एक मिनट में 600 गोलियां दागने की क्षमता
✵एक सेकंड में दागती है 10 गोलियां
✵पूरी तरह से लोड होने के बाद 4 किलोग्राम तक होगा वजन
✵बेहद हल्की और छोटी है ये राइफल
✵एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में होती है आसानी
इससे भारतीय सेना की ताकत में इजाफा होगा। पुराने मॉडल की राइफलों के मुकाबले इन राइफलों का उपयोग हिमालय जैसे ऊंचे इलाकों में आसानी से किया जा सकेगा। रूसी मीडिया के मुताबिक, भारतीय सेना को 7.7 लाख राइफलों की जरूरत है, जिनमें से वो एक लाख आयात करेगी और बाकी का उत्पादन भारत में ही किया जाएगा।
रूस से ली जा रही AK-47 203 राइफल की खासियत
✵1100 डॉलर हो सकती है इसकी कीमत
✵7.62 एमएम की गोलियों का इस्तेमाल
✵400 मीटर है इसकी मारक क्षमता
✵एक मिनट में 600 गोलियां दागने की क्षमता
✵एक सेकंड में दागती है 10 गोलियां
✵पूरी तरह से लोड होने के बाद 4 किलोग्राम तक होगा वजन
✵बेहद हल्की और छोटी है ये राइफल
✵एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में होती है आसानी
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