China against India Hybrid war, इंडिया के खिलाफ चाइना की हाईब्रिड वॉर

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अंग्रेजी-दैनिक द इंडियन एक्सप्रेस के एक इन्वेस्टिगेशन में कई गंभीर बातें पता चली हैं, जो भारत के लिए चिंता का कारण हैं। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या है, तो यहां 130 मिलियन से अधिक भारतीयों के खिलाफ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नए युद्ध की कहानी है, जो हम आपको बताने जा रहे हैं।

China against India  Hybrid war, इंडिया के खिलाफ चाइना की  हाईब्रिड वॉर

हाइब्रिड वॉरफेयर क्या है ?

ये एक ऐसी रणनीति है जो राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक पहलुओं से ध्यान हटाती है और तकनीक के आसपास केंद्रित है। यह प्रतिद्वंद्वियों पर लाभ प्राप्त करने के लिए गैर-सैन्य उपायों ( से हालिया मामले में डेटा) का उपयोग करता है। हालांकि, डेटा अपने आप हमें मुश्किल में नहीं डाल सकता, लेकिन बहुत सी ऐसी कंपनियों की लगाम चीन के पास है, जो आपका डेटा सेव करती हैं।

यह खबरों में क्यों है ?

इंडियन एक्सप्रेस द्वारा किए गए इन्वेस्टिगेशन में पता चला है कि चीन का शी जिनपिंग शासन, झेन हुआ डेटा इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी के माध्यम से कई भारतीयों पर नजर रखने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहा है। चीनी फर्म, भारत की हजार से अधिक सार्वजनिक रूप से प्रभावशाली हस्तियों की इंफॉर्मेशन के बड़े डेटाबेस के जरिये उनका विश्लेषण कर रही है।


यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है ?

हम सभी जानते हैं कि दुनिया की दो बड़ी महाशक्तियों भारत और चीन के बीच LAC पर जारी सैन्य संघर्ष के बीच डेटा का गलत प्रयोग भारत की परेशानी बढ़ा सकता है।

द इन्वेस्टिगेशन स्टोरी

इंडियन एक्सप्रेस ने 2 महीने से अधिक समय तक बिग-डेटा टूल्स का उपयोग करके चीनी फर्म झेन हुआ से संचालित मेटाडेटा की जांच की और उसकी लॉग फाइल्स के विशाल ढेर से भारतीय नाम ढूंढ निकाले, जिन्हें फर्म, 0verseas Key Information Database(OKIDB) कहती है। OKIDB नेटवर्क स्टैबलिश कर फैमिली ट्री बनाती हैं।


यह डेटा किस तरह कलेक्ट किया जाता है ?

• झेन हुआ अपने क्लाइंट के विरोधियों को टारगेट करने और आइडेंटिफाई करने के लिए साइबर टूल का उपयोग करता है।

• यह लोगों के डिजिटल फुटप्रिंट्स हासिल करने के लिए पब्लिक डेटाबेस से इन्फॉर्मेशन निकालने, सोशल मीडिया, सरकारी डॉक्युमेंट्स के साथ ही अन्य सभी सोर्सेज का इस्तेमाल करता है।

• यह अपने इंटरनेट को उसके साथी, रिश्तेदारों और करीबियों के जरिये भी स्कैन करता है।

ये डेटाबेस महत्वपूर्ण क्यों है ?

ये डेटाबेस महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि यह भारत में महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे कि लोगों के बीच राजनीतिक गठजोड़, बड़ी शरीयत का व्यवहार और आदतें, किसी शख्स के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर प्रभाव को समझने में झेन हुआ के लिए मददगार है।


किन हस्तियों पर है ड्रैगन की नजर ?

भारत सरकार, विपक्षी पार्टियां, मीडिया, कला जगत, स्पोर्ट्स और कल्चर इन सभी क्षेत्रों की हस्तियों के डिजिटल क्रियाकलापों पर निगाह रखी जाती है। इनमें पीएम नरेंद्र मोदी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, सचिन तेंदुलकर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उद्योगपति रतन टाटा जैसी हस्तियां शामिल हैं।


टारगेट इंडियंस की संख्या

चीनी फर्म झेन हुआ के डेटाबेस में राजनीति और कानून के क्षेत्र से आने वाले कम से कम 1,350 लोगों से जुड़े इंफॉर्मेशन ट्री हैं। इस सूची में 700 राजनीति और 400 से अधिक उनसे जुड़े लोग शामिल हैं।

इसे चीन को क्या है फायदा ?

भारत की प्रमुख हस्तियों पर नजर रखने से, चीन, भारत की राजनीति को समझ कर सीमा पर जारी तनाव में फायदा हासिल कर सकता है। ये फायदा युद्ध में भी हो सकता है और बातचीत की टेबल पर समझौतों के दौरान भी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों को समझने और उन्हें प्रभावित करने में चीन की मदद कर सकता है।

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