डेड हॉर्स मैन, जिसने रेस जीती
यह घुड़दौड़ के इतिहास की सबसे अजीब और आश्चर्यजनक चीजों में से एक है। ये कहानी है फ्रेंक हेस नाम के एक जॉकी की, जिसने मौत के बाद रेस जीती। आइए जानते हैं इस जॉकी और उसके घोड़े के बारे में कुछ माइंड ब्लोइंग फैक्ट्स-
4 जून, 1923 को, 35 वर्षीय जॉकी फ्रैंक हेस न्यूयॉर्क के बेलमोंट पार्क में एक स्टीपलचेज़ में प्रतिस्पर्धा कर रहे थे। एक हॉर्स ट्रेनर और लंबे समय साईस रहे हेस ने पहले कभी कोई रेस नहीं जीती थी और उस दिन भी Miss A M Feeling के घोड़े को दौड़ाते हुए, किसी को उनसे पहला स्थान हासिल करने की उम्मीद नहीं थी।
हालांकि, ये बातें हेस को परेशान नहीं कर रही थीं, लेकिन जो चीज उनकी परेशानी बढ़ा रही थी वो थी उनका दिल। रेस के दौरान हेस को गंभीर दिल का दौरा पड़ा और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। हालांकि, वे अपने घोड़े से नहीं गिरे थे और पूरी रेस के दौरान वे घोड़े पर सवार रहे। उन्होंने सबसे पहले फिनिश लाइन को पार किया।
इस तथ्य के बावजूद कि उनकी ट्रेन पर ही मौत हो गई थी, लेकिन किसी को भी इसका पता नहीं चला कि कुछ गलत हुआ है। जब Miss Froyling और अधिकारी, हेयस को बधाई देने के लिए गए तब उन्हें पता चला कि वह उस वक्त जीवित नहीं थे।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। हेस के हार्ट अटैक के बारे में कई सिद्धांतों पर बात की जाती है।
एक थ्योरी के मुताबिक रेस के रोमांच को हेस संभाल नहीं सके तो एक सिद्धांत के मुताबिक रेस के योग्य होने के लिए हेस ने तेजी से 142 पौंड से 130 पौंड तक वजन कम किया, जिसने उनके दिल पर दबाव बढ़ाया।
एक विजेता होने के बावजूद वो घोड़ा फिर कभी नहीं भागा, जिस पर हेस सवार थे। "स्वीट किस" को बाद में "स्वीट किस ऑफ डेथ" के निकनेम से पुकारा गया।