ARMED FORCES FLAG DAY
7 दिसंबर 1949 के बाद से, सशस्त्र सेना झंडा दिवस उन शहीदों और जवानों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है जो भारत की सीमाओं पर बहादुरी से लड़े।
भारतीय सशस्त्र बलों में तीन डिवीजन शामिल हैं - भारतीय सेना(थल सेना), भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना।
महत्व और उद्देश्य
झंडा दिवस मुख्य रूप से तीन बुनियादी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए मनाया जाता है
युद्ध हताहतों का पुनर्वास
सेवारत कर्मियों और उनके परिवारों का कल्याण
पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों का पुनर्वास और कल्याण।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस
7 DECEMBER ARMED FORCES FLAG DAY
झंडा दिवस मनाने के पीछे यह विचार था कि आम जनता को छोटे झंडे वितरित किए जाएं और बदले में चंदा इकट्ठा किया जाए।
भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल, 1895 को अंग्रेजों ने की थी। तब इसे "ब्रिटिश इंडियन आर्मी" कहा जाता था और इसे ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं से बनाया गया था।
स्वतंत्रता के बाद भारतीय वायु सेना (IAF) का नाम बदलकर "Royal Indian Air Force" कर दिया गया। हालांकि, 1950 में भारत का संविधान लागू होने के बाद "रॉयल" शब्द को हटा दिया गया था।
ग्लोबल फायर पॉवर के अनुसार IAF दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु सेनाओं में अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथे स्थान पर हैं।
मूल रूप से रॉयल इंडियन नेवी की स्थापना 1612 में भारतीय सेना(थल सेना) की नौसैनिक ब्रांच के रूप में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा की गई थी। 25 जनवरी, 1950 को इसे "भारतीय नौसेना" का नाम दिया गया।
भारतीय नौसेना की ब्रह्मोस मिसाइल दुनिया की सबसे तेज कूज मिसाइलों में से एक है।
लद्दाख में बेली ब्रिज, समुद्र तल से 5,502 मीटर (18,379 फीट) की ऊंचाई पर दुनिया के सबसे ऊंचे पुलों में से एक हैं। इसका निर्माण भारतीय सेना ने 1982 में किया था।
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