मसाला चाय, एक विश्व प्रसिद्ध चाय पेय हैं, जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई। लाखों भारतीय अपने दिन की शुरुआत एक कप मसाला चाय के साथ करते हैं।
1870 में ग्रेट ब्रिटेन में लगभग 90 फीसदी चाय की आपूर्ति चीन द्वारा की जाती थी, लेकिन 1900 में यह 10 फीसदी तक सीमित हो गई, जिसे भारत और सीलोन रीप्लेस किया।
1935 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने असम में चाय के बागानों की स्थापना की और ग्रेट ब्रिटेन को चाय की आपूर्ति पर चीनी एकाधिकार को खत्म करने की कोशिश की।
पुराने समय में भारत में चाय को पारंपरिक रूप से एक स्वादिष्ट पेय की बजाय हर्बल औषधि के रूप में देखा जाता था। उस वक्त मसाला चाय का एक मसाला लोकप्रिय था, जिसे "काढ़ा" कहा जाता था।
काढ़ा इस दौर में भी बहुत प्रसिद्ध है। इसे ठंड और आम फ्लू के इलाज के लिए घरेलू दवा के रूप में उपयोग किया जाता है।
DID YOU KNOW?
चाय की पत्ती को मच्छर भगाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। चाय की पत्तियां, विशेष रूप से हरी चाय की पत्तियां मच्छरों को दूर रखने का एक प्राकृतिक तरीका है।
वित्त वर्ष 2020 के दौरान भारत में चाय की खपत लगभग एक बिलियन किलोग्राम थी।
वित्त वर्ष 2019 में असम में चाय का उत्पादन लगभग 702 मिलियन किलोग्राम था, जो देश में किसी भी अन्य क्षेत्र में सबसे अधिक है। 2019 में ही पश्चिम बंगाल 395 मिलियन किलोग्राम के साथ दूसरे नंबर पर था।
मसाला चाय के स्वास्थ्य लाभ
सर्दी और नाक बंद होने से बचाती हैं
एनर्जी बढाती है
डाइजेशन बढ़ाती है
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करती हैं
मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है
इम्युनिटी बढ़ाती है
कैंसर से बचाव करती हैं
मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है
सूजन से बचाव करती है