कोविड-19 वैक्सीन के साइड इफेक्ट हो सकते हैं। हालांकि, इनमें से ज्यादातर मामूली हैं और बहुत ही कम समय के लिए रहते हैं। ये सामान्य संकेत हैं कि आपका शरीर सुरक्षा का निर्माण कर रहा है।
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने के चार से आठ हफ्ते तक इंतजार करना चाहिए। जबकि, जो बहुत पहले संक्रमित हुए थे वो वैक्सीन लगवा सकते हैं। इससे उनकी इम्यूनिटी बेहतर होगी।
कोविंड-19 वैक्सीन लेने से पहले गर्भावस्था परीक्षण कराने की जरूरत नहीं है। वर्तमान में उपलब्ध कोविड-19 टीकों में ऐसी सामग्रियां नहीं हैं जो गर्भवती महिलाओं या विकासशील भ्रूण के लिए नुकसानदायक हैं।
सरकार के अनुसार, लोग टीका लगने के बाद भी कोविड-19 से संक्रमित हो सकते हैं। सिर्फ 0.3% से 0.4% टीका लगवा चुके लोग वायरस की चपेट में आए हैं। वहीं, टीका लगवाने के बाद संक्रमित के शरीर में वायरस के फैलाव को रोकने में मदद मिली है। वैक्सीन संक्रमण को अधिक गंभीर नहीं होने देगी।
क्या गर्भवती या स्तनपान करवाने वाली महिला वैक्सीन लगवा सकती है ?
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ गायनोकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स (FIGO) के अनुसार, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं कोविड-19 वैक्सीन ले सकती हैं। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए टीकाकरण की सिफारिश नहीं की है।
क्या कोविड-19 वैक्सीन लगाने से कोई बांझ हो सकता है?
• कोई भी वैज्ञानिक सबूत इस बात का समर्थन नहीं करता है। यानी कोविंड-19 वैक्सीन किसी को बांझ नहीं बनाती है।
क्या महिलाएं पीरियड्स के दौरान कोविड-19 वैक्सीन लगा सकती हैं?हां, महिलाएं पीरियड्स के दौरान कोविड-19 वैक्सीन लगवा सकती हैं और यह उनके इम्यूनिटी लेवल को प्रभावित नहीं करता है। सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही एक वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि महिलाओं को अपने पीरियड चक्र से पांच दिन पहले और बाद में टीका नहीं लगवाना चाहिए। ये दावा गलत है।
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