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मध्य प्रदेश में 45 दिन में सीएम मोहन यादव के कदम चार कैबिनेट मीटिंग्स और कई बदले हुए फैसले

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने 45 दिन के कार्यकाल में चार कैबिनेट मीटिंग्स कर ली हैं और शिवराज सिंह चौहान के कई पूर्व फैसलों को बदला है। इस आलेख में हम इन बदले हुए फैसलों की विस्तार से चर्चा करेंगे।
मोहन यादव की सरकार का कामकाज शिवराज सिंह चौहान की सरकार से अलग हो रहा है।

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव को सीएम की कुर्सी संभाले 45 दिन का समय हो गया है 45 दिनों में सीएम मोहन यादव ने चार कैबिनेट मीटिंग्स कर ली हैं इन चार कैबिनेट मीटिंग्स में मोहन यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चार फैसले लगभग बदल दिए हैं या यूं कहे कि पलट दिए हैं कौन से हैं वह फैसले विस्तार से आपको हम इस रिपोर्ट में बताएंगे मध्य प्रदेश में बीजेपी को विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत हासिल हुई 163 सीटों के साथ बीजेपी ने सत्ता में वापसी की मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया शिवराज सिंह चौहान पूर्व मुख्यमंत्री हो गए आपको बता दें जो पहला कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने फैसला लिया यह वह फैसला था जो शिवराज सिंह चौहान के एक पुराने फैसले को बदलने वाला था बात कर रहे हैं हम भोपाल के बीआरटीएस के बीआरटीएस कॉरिडोर जो कि सड़कों पर बिछा हुआ है उसको हटाने ने का फैसला मोहन यादव सरकार ने लिया था आपको बता दें कि बीआरटीएस का जाल भोपाल में शिवराज सिंह चौहान की सरकार के वक्त बिछाया गया था और मोहन यादव की सरकार बनते साथ ही पहला फैसला वो लिया गया जिसे शिवराज सिंह चौहान की महत्वकांक्षी योजना के रूप में उस वक्त देखा गया था 

आपको बता दें कि कैबिनेट की दूसरी बैठक में बीआरटीएस को हटाने को लेकर फैसला ले लिया गया 20 जनवरी को भोपाल के बैरागढ़ इलाके से बीआरटीएस को तोड़ने की कारवाई भी शुरू हो गई है अब आते हैं दूसरे फैसले की तरफ आपको यह बता दें कि 1 साल 86 दिन पहले तत्कालीन शिवराज सरकार ने फैसला किया था कि मध्य प्रदेश गान के समय लोगों को खड़ा होना पड़ेगा वहीं मोहन यादव ने 25 जनवरी को इस रिवाज को और इस आदेश को पलट दिया एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश गान पर खड़े हुए लोगों को उन्होंने बैठा दिया साथ ही कहा कि राष्ट्रगान से यह बड़ा नहीं और खड़ा होना अनिवार्य नहीं है इसके अलावा मोहन यादव अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए दिखाई दिए हैं माना जाता है कि शिवराज सिंह चौहान की सरकार के दौरान अधिकारियों पर कम कारवाई होती थी लेकिन पिछली 45 दिनों की मोहन यादव सरकार ने गुना से लेकर शाजापुर तक के मामलों में अधिकारियों पर कार्रवाई की है जिसमें कलेक्टर से लेकर एसपी तक तमाम अधिकारियों को उनके पदों से हटाया गया है ऐसे में माना जा रहा है कि मोहन यादव पब्लिक से गलत सलूक करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करके साफ संदेश देना चाहते हैं कि यह सरकार आम लोगों की सरकार है 

वहीं शिवराज सिंह चौहान का एक एक और फैसला जो मोहन सरकार ने बदला है उसमें शामिल है मध्य प्रदेश में लंबे समय से स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग अलग-अलग काम कर रहे थे दोनों के अलग-अलग मंत्री होते थे चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश के मेडिकल कॉलेज आते थे इसकी वजह से केंद्र की योजनाओं को लागू करने में दिक्कत आती थी मोहन यादव ने 45 दिनों के कार्यकाल में कैबिनेट की बैठक में दोनों विभागों को मर्ज कर दिया अब स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग एक हो गया है वहीं आपको बता दें कि सीएम मोहन यादव के इन फैसलों से यह साफ हो गया है कि उनका काम करने का अंदाज बिल्कुल अलग होगा वह नए फैसले ले रहे हैं और खास तौर पर शिवराज सरकार के पुराने फैसले बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं माना जा रहा है कि मोहन सरकार शिवराज सरकार की तरह नहीं बल्कि अलग तरीके से काम करते हुए आगे दिखाई देगी शिवराज सरकार के कई फैसलों पर तलवार चलाती मोहन सरकार आगे और कितने फैसले बदलेगी यह तो देखने वाली बात होगी लेकिन फिलहाल इन बदले हुए फैसलों पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुप्पी सादी हुई है देखना होगा कि आगे और कितने फैसले बदलते और इन पर क्या प्रतिक्रिया पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की आती है रिपोर्ट कैसी लगी कमेंट सेक्शन में हमें जरूर बताएं! 

मुख्यमंत्री मोहन यादव के पहले 45 दिनों में किए गए फैसलों ने दिखाया है कि उनकी सरकार नए दृष्टिकोण और कार्रवाई से काम कर रही है। इससे साफ है कि वह शिवराज सिंह चौहान के फैसलों को पलट रहे हैं और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अलग हैं। आगे और कौन-कौन से फैसले बदलते हैं, यह देखने के लिए हमें इंतजार रहेगा। आप भी इस विषय पर अपनी राय देने के लिए कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें।
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