उज्जैन में हाल ही में हुए मूर्ति विवाद के चलते, सीएम मोहन के प्रभावी कदम के बाद, इस मामले पर एक महत्वपूर्ण निर्णय हुआ है, जिसे एसपी और कलेक्टर के सामने रखा गया है। हाल के घटनाक्रम ने नगर में उत्पन्न विवाद की स्थिति को दिखाया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी प्रचलित हो गया था।
"उज्जैन में मूर्ति विवाद: सीएम के कदम से आत्मशांति की दिशा में बड़ा फैसला" |
उज्जैन के माकड़ इलाके में, दो पक्षों के बीच मूर्ति विवाद हुआ था। एक मूर्ति सरदार बल्लभ भाई पटेल की थी, और दूसरी मूर्ति डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की थी। इस विवाद के चलते क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हुआ, जो बड़े पैम्पल्सी पर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। पहले तो प्रशासन ने लगभग 25 लोगों को गिरफ्तार किया।
एसपी ने घटनाओं पर विवेचना की है और बताया है कि तीन मामले दर्ज किए गए हैं। पहले मामले में राजकीय कर्मचारियों को उनकी कार में बाधा पहुंचाई गई थी, दूसरे में जो झगड़ा हुआ था, खासकर एससी एसटी समाज के ऊपर, उसमें मारपीट और विभिन्न धाराओं में कायमी हुई थी, और तीसरे में इंस्टॉलेशन के संबंध में 153 और 295 धाराएं लगाई गईं थीं।
उन्होंने बताया कि इसमें वीडियो फुटेज के आधार पर संदीप को एक आरोपी के रूप में पहचाना गया था, और एक प्रकरण में लगभग 16 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिन्हें न्यायालय भेजा गया है।
एसपी ने जताया कि अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। एक महत्वपूर्ण निर्णय के बाद और कलेक्टर और एसपी की मौजूदगी में, क्षेत्र में शांति की उम्मीद है। पुलिस मकड़ोन में निरंतर पैट्रोलिंग कर रही है ताकि दोबारा संघर्ष ना हो, लेकिन चूंकि कलेक्टर और एसपी की मौजूदगी में दोनों पक्षों के प्रति लोग पहुंचे थे, इससे समझौता हुआ है।
दोनों पक्षों के बीच समझौता किया गया है, जिनमें उनकी आस्था पटेल सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति के प्रति थी, और दूसरे पक्ष की आस्था भीमराव अंबेडकर की मूर्ति के प्रति थी। इससे दोनों को वही स्थान पर पुनः स्थापित किया जाएगा, जहां पहले मूर्तियां थीं।
सीएम मोहन के हस्तक्षेप और उसके पश्चात्तापों के बाद, क्षेत्र में तनाव को कम कर लिया गया है, जिससे सरकार का क़ानून और आदेश को बनाए रखने का समर्थन किया जा रहा है। क्षेत्र अब मूर्तियों की स्थापना और निरंतर पुलिस निगरानी के साथ सामान्यता की ओर बढ़ रहा है।
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