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Iran Israel तनाव क्या इस जंग का भारत पर पेट्रोल डीजल के दाम में दिखेगा असर

 क्या ईरान ने इजराइल के खिलाफ जंग छेड़ दी है? क्या इस जंग का भारत पर कोई बड़ा असर पड़ने वाला है?

ईरान और इजराइल के बीच हाल ही में हुए ड्रोन हमले के बाद तनाव बढ़ गया है। यह तनाव बिना शक कीमतें वृद्धि के संकेत दे रहा है। अब, जब दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात बन गए हैं, तो इसका व्यापारिक और राजनीतिक असर विश्व के अन्य हिस्सों तक महसूस हो सकता है। इस स्थिति में, भारत भी कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का सामना कर सकता है, जिससे आम आदमी की जेब पर असर पड़ सकता है।

ईरान-इजराइल तनावः पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी के रूप में दिखेगा असर

ईरान-इजराइल के बीच बढ़ते तनाव का असर कच्चे तेल के दामों पर देखने को मिल रहा है। ईरान द्वारा इजराइल पर हमला करने के बाद क्रूड ऑयल 80 डॉलर से बढ़कर 90 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। ईरान स्वेज नहर को ब्लॉक करने की धमकी दे चुका है। 2023 में भारत का 65% क्रूड ऑयल स्वेज नहर के रास्ते आया है। ऐसे में इस नहर में किसी भी तरह की रुकावट का असर सीधे पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी के रूप में दिखेगा।

ईरान-इजराइल तनाव पर भारत ने क्या कहा?

ईरान द्वारा इजराइल पर किए हमले के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान और इजराइल के अपने समकक्ष से फोन पर बात की। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने कहा 'हम इजराइल और ईरान के बीच बढ़ती शत्रुता से अत्यंत चिंतित हैं। इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है। हम तनाव को कम किए जाने, संयम बरतने, हिंसा से दूर रहने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आग्रह करते हैं।'

ईरान-इजराइल टेंशन और क्रूड ऑयल की कीमतें:

ईरान और इजराइल के बीच हो रहे तनाव के कारण, क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी देखने की संभावना है। यहां तक कि गल्फ देशों के क्रूड ऑयल के दाम भी $90 प्रति बैरल के पार जा सकते हैं। इससे भारत जैसे देशों को तेल आवश्यकताओं के लिए अधिक पैसे देने पड़ सकते हैं।


असर और संभावित उपाय:

जैसा कि तात्कालिक तनाव की स्थिति को देखते हुए, अमेरिका और अन्य देशों के साथ संबंधों में संभावित परिवर्तन आ सकता है। इसके परिणामस्वरूप, कच्चे तेल की कीमतों में और भी वृद्धि हो सकती है, जिससे उत्पादक और उपभोक्ताओं को नुकसान हो सकता है।


इस तनावपूर्ण स्थिति में, विश्व के तेल व्यापार में अस्थिरता और महंगाई के असर का अनुमान लगाया जा रहा है। भारत जैसे देशों को तेल की आपूर्ति की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, संभावित उच्च दामों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, सरकार को उचित उपायों की तैयारी करने की आवश्यकता है, ताकि आम लोगों को आर्थिक और सामाजिक हानि से बचाया जा सके।

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