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AGRICULTURE भारत का गर्व भारतीय कृषि वैज्ञानिक

 आइए हम अपने भारतीय कृषि वैज्ञानिकों पर गर्व महसूस करें। इस उपयोगी जानकारी को अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करें

AGRICULTURE भारत का गर्व भारतीय कृषि वैज्ञानिक

बेंजामिन पेरी पाल

बेंजामिन पेरी पाल एक भारतीय प्लांट ब्रीडर थे, जो मृदा प्रबंधन और फसल उत्पादन विज्ञान के विशेषज्ञ थे। वह दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पहले महानिदेशक थे।


हेम सिंह प्रथी

हेम सिंह प्रुथी जूलॉजी के पहले मूल भारतीय विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने कीटविज्ञानी के रूप में कार्य किया। 1938 में उन्होंने इंडियन एंटोमोलॉजिस्ट सोसायटी की स्थापना की। भारत सरकार के पादप संरक्षण सलाहकार होने के नाते, उन्होंने टिड्डी चेतावनी प्रणाली स्थापित करने में मदद की।


सुब्रह्मण्यम नागराजन

सुब्रह्मण्यम नागराजन एक भारतीय गेहूं रोगविज्ञानी थे जिन्होंने 120 से अधिक शोध पत्र, 50 पुस्तक अध्याय और 2 पाठ्यपुस्तकें लिखी और प्रकाशित की। उन्हें गेहूं कार्यक्रमों में उपलब्धि के लिए बोरलॉग पुरस्कार मिला है। पिछले एक दशक से रस्ट एपिडेमिक से फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है।


डॉ. राजेंद्र सिंह परोदा

डॉ. राजेंद्र सिंह परोदा एक भारतीय कृषि वैज्ञानिक हैं जिन्हें बोरलॉग पुरस्कार और पद्म भूषण मिल चुका है। वह भारत सरकार के कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के आईसीएआरएस के पूर्व महानिदेशक थे।


कैलाश नाथ कौल

कैलाश नाथ कौल एक भारतीय वनस्पतिशास्त्री, प्रकृतिवादी, कृषि वैज्ञानिक, बागवान, जड़ी-बूटी विज्ञानी, पादप संग्रहकर्ता, पशु-चिकित्सक और अरेकेसी पर वर्ल्ड अथॉरिटी थे। उन्होंने भारत के राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान की स्थापना की।


भारतीय कृषि का भविष्य

कई युवा पेशेवर खेती कर कृषि उद्यमी बन रहे हैं। शिक्षित युवाओं का यह कदम नौकरियों की कमी के कारण नहीं, बल्कि अधिक टिकाऊ जीवन शैली की तलाश के कारण हैं। वर्तमान भारतीय कृषि में शिक्षित युवाओं का योगदान विश्व की भूख को समाप्त करेगा और कुपोषण को कम करेगा।

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