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Gold Price कीमत क्यू बढ़ रही है क्यू चीन भारत अमेरिका ने खरीदा गोल्ड क्या कुछ बड़ा होगा

 दुनिया इन दिनों एक अजीब से दौर से गुजर रही है। रूस यूक्रेन की एक जंग पहले से चल रही है और ऐसे में ही ईरान और इजराइल के बीच बने तनाव ने एक और जंग छेड़ने का डर पैदा कर दिया है। लेकिन ऐसे हालात में भी बाजारों में तेजी बनी हुई है, क्रूड ऑयल भी चढ़ रहा है, और गोल्ड(gold) तो पूछिए मत गोल्ड ऐसे रिकॉर्ड बना रहा है कि हर कोई हैरान है। सोने का दाम 2427 प्रति dollar के रिकॉर्ड तक चला गया है। 

इस खास रिपोर्ट में चलिए जानते हैं गोल्ड के बारे में और किन वजहों से गोल्ड तूफानी रफ्तार भर रहा है। हम यह भी बताएंगे कि गोल्ड के रिकॉर्ड लेवल्स पर पहुंचने के पीछे दुनिया भर के सेंट्रल बैंक्स का क्या रोल है। सबसे पहले समझिए कि आखिर  gold के दाम बढ़ने की वजह क्या है? 

Gold की कीमत क्यू बढ़ रही है Gold Price क्यू चीन भारत अमेरिका ने खरीदा गोल्ड क्या कुछ बड़ा होगा
फिर चमके सोना और चांदी, 1 लाख के पार होगा गोल्ड

पहली चीज दुनिया भर में अनिश्चित माहौल बना हुआ है। जंग के हालात है, ऐसे में लोग अपने पैसे को सुरक्षित ठिकानों में लगाना चाहते हैं, दूसरी चीज अमेरिका (America) में ऊंची महंगाई अमेरिका में सीपीआई महीने दर महीने आधार पर 0.4% बड़ी है। इसने रेट कट की उम्मीदें घटा दी है, ऐसे में गोल्ड में भी तेजी का तड़का लग गया है। 

गोल्ड (gold) की तेजी में एक फैक्टर है चीन हालिया आंकड़े चीन में स्लोडाउन की ओर संकेत कर रहे हैं, चीन में इन्वेस्टर्स आर्थिक उथल-पुथल के वक्त को लेकर डरे हुए हैं, और उन्हें गोल्ड खुद को सुरक्षित रखने का सबसे बढ़िया जरिया लग रहा है। इसी बजे से इन्वेस्टर्स चीन में स्लोडाउन से हेस करने के लिए गोल्ड(gold) का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

आखरी फैक्टर है सेंट्रल बैंकों की खरीददारी गोल्ड(gold) के रिकॉर्ड लेवल्स पर पहुंचने के पीछे सेंट्रल बैंकों की भारी खरीददारी को भी एक वजह माना जा रहा है। सेंट्रल बैंक यानी जैसे भारत में रिजर्व बैंक है, या अमेरिका में फेडरल रिजर्व है, एनालिस्ट का भी मानना है कि दुनिया भर में सेंट्रल बैंकों (central bank) का सोने में मोटा पैसा डालना यह बता रहा है, कि आगे भी इसकी कीमतें ऊंची रह सकती है। केवल सेंट्रल बैंक ही नहीं मनी मैनेजर्स और हेस फंड भी गोल्ड पर बुलिश दांव लगा रहे हैं, और गोल्ड में इनकी पोजीशंस 4 साल के हाई पर पहुंच गई है।

दुनिया भर में सेंट्रल बैंकों ने किस तरह से बीते कुछ वक्त में गोल्ड इकट्ठा किया है? और इसमें जमकर पूंजी लगाई है। 

पहला आंकड़ा समझिए वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के हालिया डाटा बताते हैं कि ग्लोबल सेंट्रल बैंकों के गोल्ड रिजर्व में मार्च में 19 टन का इजाफा हुआ, हालांकि जनवरी के मुकाबले यह आंकड़ा 58% कम है, लेकिन इसकी वजह यह है कि कुछ सेंट्रल बैंकों ने गोल्ड की बिक्री इस दौरान की है, जनवरी और फरवरी में सेंट्रल बैंकों ने 64 टन गोल्ड खरीदा है। अकेले चीन के पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने फरवरी में 12 टन गोल्ड खरीदा है चीन का सेंट्रल बैंक बीते 16 महीने से लगातार गोल्ड रिजर्व को बढ़ा रहा है। 2023 में चीन ने 223 टन गोल्ड खरीदा, 1957 के बाद चीन के सेंट्रल बैंक की यह सबसे बड़ी गोल्ड खरीददारी है। भारत का रिजर्व बैंक भी इस मामले में किसी से पीछे नहीं जनवरी और फरवरी के दौरान रिजर्व बैंक ने मार्केट से 13.3 टन गोल्ड खरीदा 2023 में रिजर्व बैंक ने 17.9 टन गोल्ड खरीदा था। 

दूसरे सेंट्रल बैंकों की बात करें तो चेक नेशनल बैंक ने फरवरी में 2 टन गोल्ड खरीदा और यह बीते 12 महीने से लगातार गोल्ड (gold) खरीद रहा है। सिंगापुर के मॉनेटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर ने फरवरी में 2 टन गोल्ड खरीदा US की भी बात कर लेते हैं, सेंट्रल बैंकों के पास गोल्ड रिजर्व के लिहाज से अमेरिका सबसे ऊपर है इसके पास फरवरी 2024 में 8133 टन गोल्ड था। आंकड़े यह भी बताते हैं कि 2023 में गोल्ड की डिमांड 4899 टन के साथ रिकॉर्ड पर पहुंच गई, इसके पीछे सबसे बड़ी वजह सेंट्रल बैंकों की खरीददारी रही है। दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों ने 2023 में एक 1037 टन गोल्ड खरीदा है बीते कुछ वर्षों में सेंट्रल बैंकों ने तेज रफ्तार से गोल्ड खरीददारी की है। सेंट्रल बैंकों की गोल्ड खरीददारी की रफ्तार 1967 के बाद पहली बार दिखाई दे रही है।

अब लेकिन सवाल यह आता है कि आखिर सेंट्रल बैंक भारी मात्रा में गोल्ड(gold) खरीद क्यों रहे हैं? 

इसके पीछे कुछ फैक्टर है मसलन अगर आरबीआई की बात करें तो यूएस डॉलर पर अपनी निर्भरता को कम करने के मकसद से आरबीआई गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहा है। हाल के वक्त में यूएस डॉलर में तेज उतार चढ़ाव दिखाई दिया है, यह वजह दूसरे देशों के सेंट्रल बैंक के लिए भी एक मजबूत फैक्टर है। इसके अलावा दुनिया भर में बढ़ रही महंगाई से निपटने के लिए भी सेंट्रल बैंक गोल्ड को एक सही ठिकाना मान रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में हर देश के सामने महंगाई से निपटना एक बड़ी चुनौती रही है। दूसरी तरफ गोल्ड के दाम भी लगातार मजबूत हुए हैं। एक फैक्टर है ग्लोबल अनिश्चितता जंग के हालात और दूसरी उथल-पुथल के वक्त सेंट्रल बैंकों को भी गोल्ड ही सबसे मजबूत ठिकाना दिखाई देता है। इसके अलावा बैंक अपने फॉरेक्स रिजर्व को डायवर्सिफाई करने के लिए गोल्ड रिजर्व बढ़ाने पर गौर करते हैं। 

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